40 %महिलाएं शारीरिक अथवा यौन हिंसा से पीडि़त-कृष्णा तीरथ
महिला और बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा तीरथ ने आज लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-।।। (2005-06) के आंकड़ों के अनुसार 15-49 आयु वर्ग में 35.4 प्रतिशत महिलाएं तथा विवाहित महिलाओं के मामले में लगभग 40 प्रतिशत महिलाएं शारीरिक अथवा यौन हिंसा से पीडि़त हैं। इसके अतिरिक्त, आंकड़े दर्शाते हैं कि महिलाओं के विरूद्ध घरेलू हिंसा के शारीरिक तथा यौन दोनों रूप, शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय देश में महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए निम्नलिखित स्कीमों का संचालन कर रहा है-
1 राष्ट्रीय महिला सशक्तीकरण मिशन (एनएमईडब्ल्यू) : महिलाओं को व्यापक रूप से सशक्त करने के लिए भारत सरकार का एक प्रयास है। यह एक केन्द्रीय प्रायोजित स्कीम है, जो अप्रैल, 2011 में स्वीकृत की गई थी जिसमें अंतर क्षेत्रीय अभिबिंदुता को सुदृढ करना अनिवार्य है।
2 महिलाओं हेतु प्रशिक्षण एवं रोजगार कार्यक्रम के लिए सहायता (स्टेप) वर्ष 1986-87 के दौरान केन्द्रीय क्षेत्र स्कीम के रूप में आरंभ की गई थी। इसका उद्देश्य स्व-रोजगार तथा मजदूरी रोजगार के लिए कौशलों को उन्नयन करते हुए महिलाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालना है। लक्षित वर्ग में ग्रामीण वंचित सम्पत्ति विहीन महिलाएं तथा शहरी गरीब महिलाओं को शामिल किया गया है।
3 100 करोड़ रूपये की कोरपस में राष्ट्रीय महिला कोष (आरएमके) गरीब महिलाओं का सामाजिक आर्थिक उत्थान करने के लिए सूक्ष्म वित्त सेवाएं प्रदान करता है।
4 प्रियदर्शनी, एक स्व-सहायता ग्रुप (एसएचजी) है जो महिलाओं तथा किशोरियों के व्यापक सशक्तीकरण के लिए परियोजना आधारित है। यह स्कीम उत्तर प्रदेश तथा बिहार के मध्य गंगा के मैदानी क्षेत्रों के 7 जिलों में क्रियान्वित की जा रही है। (PIB) 14-दिसंबर-2012 15:31 IST
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मीणा/बिष्ट/चन्द्रकला-6106
महिला और बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा तीरथ ने आज लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-।।। (2005-06) के आंकड़ों के अनुसार 15-49 आयु वर्ग में 35.4 प्रतिशत महिलाएं तथा विवाहित महिलाओं के मामले में लगभग 40 प्रतिशत महिलाएं शारीरिक अथवा यौन हिंसा से पीडि़त हैं। इसके अतिरिक्त, आंकड़े दर्शाते हैं कि महिलाओं के विरूद्ध घरेलू हिंसा के शारीरिक तथा यौन दोनों रूप, शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय देश में महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए निम्नलिखित स्कीमों का संचालन कर रहा है-
1 राष्ट्रीय महिला सशक्तीकरण मिशन (एनएमईडब्ल्यू) : महिलाओं को व्यापक रूप से सशक्त करने के लिए भारत सरकार का एक प्रयास है। यह एक केन्द्रीय प्रायोजित स्कीम है, जो अप्रैल, 2011 में स्वीकृत की गई थी जिसमें अंतर क्षेत्रीय अभिबिंदुता को सुदृढ करना अनिवार्य है।
2 महिलाओं हेतु प्रशिक्षण एवं रोजगार कार्यक्रम के लिए सहायता (स्टेप) वर्ष 1986-87 के दौरान केन्द्रीय क्षेत्र स्कीम के रूप में आरंभ की गई थी। इसका उद्देश्य स्व-रोजगार तथा मजदूरी रोजगार के लिए कौशलों को उन्नयन करते हुए महिलाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालना है। लक्षित वर्ग में ग्रामीण वंचित सम्पत्ति विहीन महिलाएं तथा शहरी गरीब महिलाओं को शामिल किया गया है।
3 100 करोड़ रूपये की कोरपस में राष्ट्रीय महिला कोष (आरएमके) गरीब महिलाओं का सामाजिक आर्थिक उत्थान करने के लिए सूक्ष्म वित्त सेवाएं प्रदान करता है।
4 प्रियदर्शनी, एक स्व-सहायता ग्रुप (एसएचजी) है जो महिलाओं तथा किशोरियों के व्यापक सशक्तीकरण के लिए परियोजना आधारित है। यह स्कीम उत्तर प्रदेश तथा बिहार के मध्य गंगा के मैदानी क्षेत्रों के 7 जिलों में क्रियान्वित की जा रही है। (PIB) 14-दिसंबर-2012 15:31 IST
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