Friday 1st December 2023 at 18:19
200 से अधिक डॉक्टरों और 100 नर्सों ने भाग लिया
अंतर्राष्ट्रीय महिला कैंसर सम्मेलन-2023 का पहला दिन जोशो-खरोश की सफलता वाला था। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च और अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी (एएससीओ) द्वारा आयोजित सम्मेलन की शुरुआत आयोजन सचिव डॉ. गौरव प्रकाश के स्वागती भाषण से हुई।
इस कॉन्फ्रेंस में चंडीगढ़ और पड़ोसी राज्यों से 200 से ज्यादा डॉक्टर और 100 नर्सें शामिल होने आईं। जिज्ञासा बहुत कुछ और साँझा करने की भी थी। तेज़ी से आम होते जा रहे महिला कैंसर को लेकर मेडिकल विज्ञानं पूरी तरह सतर्क है और इस दिशा में आगे कदम भी बढ़ा रहा है।
पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल ने इस ऐतिहासिक सम्मेलन को संबोधित किया और एएससीओ के साथ सहयोग की सराहना भी की। इसके साथ ही कैंसर रोगियों की सर्वोत्तम देखभाल के लिए इस सहयोग का उपयोग करने का आश्वासन भी दिया।
एएससीओ के रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट प्रो. ओनीनी बालोगुन ने दुनिया भर में महिलाओं के कैंसर की निगरानी की और बहु-विषयक कैंसर क्लिनिक के महत्व पर जोर दिया। कैंसर पर उनके विचार बहुत ही जानकारी भरे थे। दुनिज़ा भर में गंभीर होते जा रहे इस विषज पर आईजीआई चंडीगढ़ के सम्मेलन में बहुत कुछ कहा सुना गया।
गौरतलब है कि स्तन कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर,फेफड़ों का कैंसर, स्मोकिंग के दौरान छोड़ा जाने वाला धुआं जो सांस के द्वारा दूसरों के भीतर जाता है:थायराइड कैंसर,थायराइड कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कारकों में शामिल हैंः ओवेरियन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर उन में प्रमुख हैं जिनका खतरा काफी गंभीर गिना जाता है।
एसोसिएशन ऑफ गायनोकोलॉजिकल ऑन्कोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया (एजीओआई) के अध्यक्ष डॉ. रूपिंदर सेखों ने भारत में विभिन्न कैंसर के लिए महिलाओं की जांच के महत्व और सीमाओं पर जोर दिया। इस संबंध में उठाए जा रहे कदमों और नई खोजों की भी चर्चा हुआ।
प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रमुख और आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर वनिता सूरी ने बहु-विषयक कैंसर देखभाल के महत्व पर प्रकाश डाला। उनका भाषण बहुत हजी जानकारी भरा था। उन्होंने इस संबंध में बहुत सामने रखा।
इसी सम्मेलन में एएससीओ के प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय संकाय, डॉ. मैरी मैककॉर्मैक और डॉ. चार्ल्स डनटन ने भी भाग लिया। विभिन्न विचार-विमर्शों में स्तन कैंसर में साक्ष्य आधारित सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में चर्चा की गई। युवा शोधकर्ताओं ने ई-पोस्टर के माध्यम से अपना शोध प्रस्तुत किया।
क्विज़ के प्रारंभिक दौर में नौ मेडिकल कॉलेजों का प्रतिनिधित्व करने वाली 14 टीमों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। कुल मिलाकर सम्मेलन का वह पहले दिन अपने आप में एक शैक्षणिक दावत जैसा था।इस मौके बहुत कुछ नया सीखने को मिला।
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