किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रही है नारी शक्ति
सोशल मीडिया: 12 जनवरी 2021: (वीमेन स्क्रीन डेस्क)::
प्राग पाठक उत्तरप्रदेश के जहांगीरा बाद से सबंधित हैं लेकिन आजकल नोयडा में रह रहे हैं। मेरी उनसे जान पहचान भी नहीं लेकिन किसी न किसी बहाने सोशलमीडिया के किसी न किसी मंच पर उनकी कोई न कोई पोस्ट मिल जाती है जो सोचने को मजबूर करती है। कुछ वर्ष पूर्व सत्ता बदली तो बहुत से लोग सत्ता वालों के पीछे हो लिए। धर्म-कर्म-सिद्धांत सब ताक पर रख कर बस अंध भक्ति करना ही उनका सबसे पहला काम बन गया। ऐसे कलियुगी चलन के बावजूद जो लोग नहीं बदले उनमें प्राग पाठक भी शामिल हैं। गर्व से अपने नाम के साथ ब्रेक्ट में ब्राह्मण लिखते हैं लेकिन विश्वास मानवता में है। अंध भक्तों के खिलाफ तर्कपूर्ण अभियान चलाने वालों में वह बहुत सक्रिय हैं। मामला ट्रम्प की आवभगत का हो या कोई और वह ऐसे तर्क निकालते हैं कि अंधभक्त उसका कोई जवाब ही नहीं दे पाते। आजकल प्राग पाठक खुल कर किसान आंदोलन के साथ हैं। उन्होंने एक ऐसी तस्वीर पोस्ट की है जो नारी शक्ति के मौजूदा रूप और शक्ति को दिखाती है। जो मनुवादी लोग महिला को पूजा में देवी मानते हैं लेकिन में केवल बच्चे पैदा करने वाली मशीन साबित करने पर तुले रहते हैं और अक्सर कहते हैं कि महिला का काम केवल घर के चौंके चूल्हे तक है उनकी ऑंखें खोलने के लिए प्राग पाठक साहिब ने एक तस्वीर पोस्ट की है महिलाओं की जो ट्रैक्टर चलाते हुए किसानों के समर्थन में सड़कों पर उत्तर आई हैं। महिलाओं की इस तस्वीर के साथ पराग पाठक साहिब ने कुछ पंक्तिया भी दी हैं जिन्हें पत्रकारिता में कैप्शन कहा जाता है। पंक्तियों में वह लिखते हैं:
रसोई चलावे,
सरकार बणावें
जहाज उड़ावे
ट्रैक्टर-कार दौड़ावे
बात जब हक पे आवे,
म्हारी दिलेर दादी, ताई-काकी
साथ खड़ी मैदान भी पावे
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