07-मार्च-2017 11:15 IST
विशेष लेख//तांकि महिला दिवस आने तक सभी के लिए विशेष अभियान चल सके
*अनुपमा जैन
नारी संघर्ष की प्रतीकत्मक तस्वीर |
लेखिका अनुपमा जैन |
राज्य सरकार द्वारा भामाशाह योजना में आवश्यक बदलाव कर इसे अधिक बड़े रूप में और अधिक व्यापक स्तर पर लागू किया जा रहा है और इसे प्रधानमंत्री की जन-धन योजना से भी जोड़ा गया है। भामाशाह योजना का उद्देश्य सभी राजकीय योजनाओं के नगद एवं गैर नगद लाभ सीधा पारदर्शी रुप से प्रत्येक लाभार्थी को पहुंचाना है। यह योजना के अंतर्गत राशन कार्ड, पेन्शन, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के लिए छात्रावृत्ति पाने वाले लाभार्थियों को भी सम्मिलित किया जायेगा। यह योजना परिवार को आधार मानकर उनके वित्तीय समावेश के लक्ष्य को पूरा करती है और इसके तहत हर परिवार को भामाशाह कार्ड दिया जाएगा जो उनके बैंक खातों से जुड़े होंगे। यह बैंक खाता परिवार की मुखिया,जो कि महिला होगी के नाम से होगा और वह ही इस खाते की राशि को परिवार के उचित उपयोग में कर सकेगी। यह कार्ड बायो-मैट्रिक पहचान सहित कोर बैकिंग को सुनिश्चित करता है। इसके अन्तर्गत, प्रत्येक परिवार का सत्यापन किया जाएगा और पूरे राज्य का एक समग्र डेटाबेस बनाया जाएगा। इसके माध्यम से जाली कार्डों की भी जांच की जाएगी। विभिन्न विभागों द्वारा पात्राता के लिए सभी जनसांख्यिकी और सामाजिक मापदण्डों को भी इसमें सम्मिलित किया जाएगा।
आधिकारिक आंकड़ो के अनुसार अब तक राज्य के एक करोड़ 35 लाख परिवारों के 4 करोड़ 62 लाख व्यक्तियों का नामांकन हो चुका है एवं उन्हे बहुउद्देश्यीय भामाशाह परिवार पहचान कार्ड आवंटित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। इस के तहत बैंक खातों में 4700 करोड़ रूपये का लाभ हस्तातंरित हो चुका है।
जयपुर जिले की ग्राम पंचायत जमवारगढ़ की बीपीएल परिवार की बुजुर्ग श्रीमती केसर देवी मानती है भामाशाह कार्ड ने उन्हें एक नई पहचान दी है। अब भामा शाह कार्ड उनके लिये जादुई चिराग बन गया है क्योंकि केवल भामाशाह कार्ड के जरिए ही विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसी तरह बीकानेर पंचायत समिति की बंबलू ग्राम पंचायत की बैसाखियों के सहारे चलने वाली नानू देवी मानती है भामाशाह कार्ड उनकी लाठी है, भले ही वह चलने फिरने से लाचार हैं, लेकिन यह कार्ड उन्हें हर काम में सहारा देता है, चाहे वह पेंशन प्राप्त करना हो या कोई और कार्य। कार्ड के कारण उनमें नया आत्म विश्वास से भर गया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार यह सुविधा अटल सेवा केन्द्र तथा ई-मित्र केन्द्रों पर स्थाई रूप से उपलब्ध है। जहां किसी परिवार के सभी सदस्य एक साथ जाकर आधार कार्ड व बैंक खाता संख्या के अलावा आवश्यक जानकारी देकर नामांकन करा सकते हैं। यदि किसी परिवार का बैंक खाता नही हो तो उसे भी ई-मित्र केन्द्र पर खुलवाने की सुविधा उपल्ब्ध है। ई-मित्र केन्द्र या भामाशाह योजना की वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन नामांकन भी कराया जा सकता है। नामांकन और कार्ड से संबंधित समस्याओं व शिकायतों के समाधान के लिए भामाशाह का प्रबंधक जिला कलेक्टर और सांख्यिकी अधिकारियों को इसका अधिकारी और उपखंड अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
परिवार का कोई भी सदस्य अगर अपना व्यक्तिगत कार्ड बनवाने का इच्छुक हो तो वह 30 रुपये का शुल्क जमा करवाकर यह कार्ड बनवा सकता है। बीपीएल परिवार की महिला मुखिया को सरकार द्वारा भामाशाह कार्ड बनवाने पर दो किश्तों में 2 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है जो महिला मुखिया के खाते में जमा करवा दी जाती है। इसकी पहली किश्त के रुप में एक हजार रुपये तथा छः महीने बाद दूसरी किश्त के रुप में लाभार्थी के खाते में एक हजार रुपये डालने का प्रावधान किया गया है।
भामाशाह योजना में पेंशन और छात्रावृति जैसे नगद लाभ तथा राशन सामग्री जैसे गैर नगद लाभों के वितरण की शुरूआत हो चुकी है। परिवारों के नामांकन के बाद सत्यापन और भामाशाह परिवार कार्ड बनने की प्रक्रिया के बीच पेंशन, छात्रावृति व राशन कार्ड से जुड़े महत्वपूर्ण विभागों के आंकड़ों के साथ भामाशाह के आंकड़ों का मिलान करते हुए इनमें एकरूपता लाई जा रही है। इससे परिवारों के बारे में दर्ज जानकारी से पेंशन, छात्रावृति व राशन सामग्री के पात्र वर्ग को 'नगद और गैर नगद लाभ’ का पारदर्शी तरीके से वितरण सुनिश्चित होगा। भविष्य में इस दूरदर्शी योजना में विभिन्न विभागों के अलग-अलग लाभ भी जोड़े जाएंगे। सूत्रो के अनुसार दरअसल इस योजना की परिकल्पना श्रीमती राजे ने अपने पिछले शासनकाल वर्ष 2008 में 'आधार कार्यक्रम' से बहुत पहले की थी।मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने दिसम्बर, 2013 में पुनः मुख्यमंत्री बनने के बाद भामाशाह योजना का कार्यान्वयन फिर से शुरु करने का निर्णय लिया और इसी क्रम में भामाशाह योजना का पुनः शुभारंभ गत वर्ष 15 अगस्त को इतिहास पुरूष महाराणा प्रताप को अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले महान दानवीर भामाशाह की पवित्र धरा मेवाड़ के खुबसूरत शहर उदयपुर में हुआ। भामाशाह योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 में राष्ट्रीय-ई-गवर्नेंस का "स्वर्ण पुरस्कार" राजस्थान को प्रदान किया गया था। सूत्रों के अनुसार अब इस योजना के लाभ व्यापक पैमाने पर नजर आने लगा है।
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*लेखिका स्वतंत्र पत्रकार और डॉक्युमेंट्री निर्माता है। इस लेख में व्यक्त किये गये विचार उनके स्वयं के हैं।
वीके/एके/वाईबी/37
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