src='https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js'/> वीमेन स्क्रीन : Tamil Nādu
Showing posts with label Tamil Nādu. Show all posts
Showing posts with label Tamil Nādu. Show all posts

Thursday, July 3, 2025

घर चलाने की क्षमता- -तेज़ी से बदल रहा है महिला शक्ति का दृश्य

भारत:तमिलनाडु में 16 लाख महिलाओं के लिए बेहतर रोज़गार की उम्मीदें

World Bank तमिलनाडु महिला रोज़गार और सुरक्षा (WESAFE) कार्यक्रम के तहत 16 लाख महिलाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है.
देश और दुनिया: 2 जुलाई 2025: (मीडिया लिंक32 संयुक्त राष्ट्र संघ के सौजन्य से):: 
घर हो या देश हो या दुनिया हो महिलाएं ही बनाती हैं इसे सुंदर और रहने लायक। इन्हीं किसमझ बूझ और जीवट से बन पाता है सफल जीवन। महिलाओं ने ही बड़ी ख़ामोशी से लिखे हैं सफलता के इतिहास। संयुक्त राष्ट्र संघ इनकी सच्ची कहानियां अक्सर सामने लाता है। एक कहानी और नज़र आई है। यह कहानी है तमिलनाडु की। वहां 16 लाख महिलाओं के लिए सामने आई हैं रोज़गार की बेहतर और नई उमीदें जिनसे चमक उठेगा अनगिनत परिवारों का भविष्य। 

यूं तो दुनिया भर में स्थिति बदल रही है। घर संसार चलाने में कभी पुरुषों का वर्चस्व हुआ करता था। इस वजह से उनके मन में अहंकार का आना भी स्वाभाविक ही हुआ करता था। इस वजह से समझा जाने लगा था कि घर चलाने के मामले में जो क्षमता पुरुष की होती है वह महिलाओं की नहीं होती। लेकिन कुछ दशकों का दौरान यह स्थिति तेज़ी से बदल रही है। महिलाओं ने साबित किया है की वे किसी से कम भी नहीं। इस मामले में जहाँ तक भारत की स्थिति है तो हमारे देश में भी यह बदलाव तेज़ी से दिखने लगा है। देश और राज्य की सरकारें भी इस दिशा में सक्रिय हैं। तमिलनाडु महिला रोज़गार और सुरक्षा (WESAFE) कार्यक्रम के तहत 16 लाख महिलाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।

World Bank के सक्रिय सहयोग से तमिलनाडु महिला रोज़गार और सुरक्षा (WESAFE) कार्यक्रम के तहत 16 लाख महिलाओं को सीधे सीधे लाभ मिलने की अब पूरी पूरी उम्मीद है। लगता है जैसे सफलता उनके दरवाज़े पर खड़ी है। 

भारत के तमिलनाडु प्रदेश में लगभग 16 लाख महिलाओं को अब गुणवत्तापूर्ण रोज़गार मिलने की उम्मीदें मज़बूत हुई हैं. यह विश्व बैंक की एक पहल की बदौलत सम्भव नज़र आ रहा है. विश्व बैंक के वाशिंगटन स्थित कार्यकारी निदेशक मंडल ने तमिलनाडु में महिला श्रम भागेदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से एक नए कार्यक्रम को मंज़ूरी दी है। 

इस पहल का नाम है-तमिलनाडु महिला रोज़गार और सुरक्षा (WESAFE) बहुत लोकप्रिय है अब तो। 

तेज़ी से शहरीकरण की दिशा में बढ़ रहे तमिलनाडु में, इलैक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में नए अवसर भी उभर रहे हैं। 

तमिलनाडु में महिला श्रम भागेदारी की दर देश में सबसे अधिक है और कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा के मानक स्थापित करने में यह राज्य अग्रणी रहा है। 

फिर भी, पुरुषों की तुलना में महिला भागेदारी दर 32 प्रतिशत अंक कम बनी हुई है. साथ ही, अधिकतर महिलाएँ कृषि क्षेत्र या कम वेतन वाले अनौपचारिक कार्यों में कार्यरत हैं। 

तमिलनाडु सरकार ने वर्ष 2030 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है. इसे प्राप्त करने के लिए महिला श्रम भागेदारी को बढ़ाना बेहद आवश्यक है। 

इसी को ध्यान में रखते हुए WESAFE कार्यक्रम के अन्तर्गत 6 लाख महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण और करियर सहयोग, तथा 18 हज़ार महिला उद्यमियों को व्यापार आरम्भ करने हेतु इनक्यूबेशन सहायता प्रदान की जाएगी। 

महिला सशक्तिकरण

विश्व बैंक ने पहले भी तमिलनाडु में कई सुरक्षित छात्रावास स्थापित करने में राज्य सरकार की मदद की है।  

इस नए अभियान के ज़रिए अब इन सुविधाओं का विस्तार करते हुए, क्रेश (शिशु देखभाल केन्द्र), बुज़ुर्गों की देखरेख, सुरक्षित परिवहन विकल्प, और सहायता केन्द्रों की व्यवस्था भी की जाएगी, ताकि महिलाओं के विरुद्ध उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की घटनाओं की रिपोर्टिंग आसान हो सके। 

विश्व बैंक भारत के देश प्रबंधक ऑगस्ट टानो कुएमे का कहना है, "कौशल विकास, वित्तीय पहुँच और क्रेश, सुरक्षित छात्रावास और परिवहन जैसी सहायक सेवाओं की उपलब्धता के ज़रिए यह कार्यक्रम, महिलाओं को कार्यबल में भाग लेने और तमिलनाडु के ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में योगदान देने की दिशा में सशक्त करेगा।"

इस कार्यक्रम के तहत तमिलनाडु की क्षमता, तकनीकी साझेदारियों और संस्थागत ढाँचों को मज़बूती मिलेगी।  

कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे मुडेरीस अब्दुलाही मोहम्मद और प्रद्युम्न भट्टाचार्य ने कहा, "यह कार्यक्रम उद्योग संघों, प्रमुख संस्थानों और निजी संगठनों के साथ साझेदारी को भी प्रोत्साहित करेगा, जिससे महिला कर्मचारियों, छात्राओं व महिला उद्यमियों के लिए आवास एवं परिवहन की गुणवत्ता तथा उपलब्धता बेहतर हो सकेगी."

इसके अतिरिक्त, निजी पूँजी की भागेदारी वाला एक राज्य स्तरीय मंच, महिलाओं को ऋण गारंटी कोष और सूक्ष्म अनुदान जैसे वित्तीय उत्पादों तक पहुँच दिलाने में मदद करेगा और उनकी जागरूकता बढ़ाएगा। 

इस कार्यक्रम के लिए अन्तरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) से लिए गए 15 करोड़ डॉलर के ऋण की अवधि 25 वर्ष है, जिसमें 5 वर्ष की छूट अवधि शामिल होगी।