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यदि किसी के साथ सर्वाधिक अन्याय हुआ है तो वह है औरत। यदि किसी का सर्वाध्क शोषण हुआ है तो वह है औरत। यदि सम्मान पूर्वक और अपमान पूर्वक किसी की बलि ली गई है ते वो है औरत। सच समझना हो तो घरों से ही समझ आने लगेगा इस को विशेष खोज करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। बहुत कम लोग पीर पैगंबर और जीनियस बन कर सामने आए जिन्होंने इस बेइन्साफी की खुल कर निंदा की। फिल्म जगत में भी बहुत सी फ़िल्में सामने ै। साहित्य में बहुत सा साहित्य सामने आया लेकिन औरत का उत्पीड़न बंद नहीं हुआ। समाज का बहुत बड़ा हिस्सा उसके खिलाफ ही रहा। आज भी खिलाफ ही है।
इसके बावजूद औरत ने बहुत सी उपलब्धियां हासिल करके अपना लोहा मनवाया। शायद ही कोई क्षेत्र ऐसा बचा हो जिसमें औरत ने अपनी सर्वोचता साबित न की होगी। हकीकत है यह बात की औरत आसमान छूने लगी है केवल अपने पंखों के सहारे। उसकी उड़ान निरंतर बढ़ रही है। उसका वर्चस्व भी बढ़ रहा है। फिर भी अभी बहुत कुछः किया जाना बाकी है। उसकी पूरी स्वतंत्रता अभी तक उसके पास नहीं आई। कोई न कोई पुरुष उसकी ऊँगली पकड़ कर जीवन भर उसे चलना सिखाता है। समाज में अभी तक महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यावरण नहीं बना। स्वयंबर के दिनों में उसके साथ अन्याय होता था और आज लिव-इन के दिनों में भी होता है। पुरुष का साथ उसे अभी तक अर्धनारीश्वर की तरह नहीं बन पाया। अभी बहुत कुछ करना बाकी है। अभी तो कहती कहाती महिलाओं को नारितत्व या नारीवाद के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है। उसे अभी भी फेमिनिस्ट होने की बात किसी ताने की तरह सुनाई जाती है। उसे अभी भी मज़ाक मज़ाक में निशाना बनाया जाता है। उसे अभी भी उसका हक किसी अहसान की तरह दिया जाता है। देवी कह कर पूजा अर्चना भी की लेकिन वास्तविक जीवन में इंसान भी नहीं समझा।
इसे रोकना होगा। संघर्ष तेज़ करना होगा। एकजुटता बढ़ानी होगी। आपसी तालमेल और ज़्यादा मज़बूत करना होगा और एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलना होगा। जगह जगह काफिले बनाने होंगें। जगह जगह आयोजन भी करने होंगे। हमें आपकी इंतज़ार रहेगी। किस जगह क्या हुआ, क्या हो रहा है, क्या होने वाला है इसकी जानकारी आप हमें भेज सकते हैं ईमेल पर भी। आप अपनी सभा सभाओं की जानकारी भी इसी पते पर भेज सकती हैं। आप नियमित तौर पर भी इस मंच से जुड़ सकते हैं।
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