3rd December 2021 at 10:07 PM WHatsApp
शायरा प्रभजोत कौर के साथ मुलाकात में खुलासे
मोहाली: 3 दिसंबर 2021: (प्रभजोत कौर//वीमेन स्क्रीन)::
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ज्योतिष और शायरी का सुमेल डा.नीना सैनी |
अपने जन्म की बात करते हुए नीना सैनी ने बताया उनका जन्म 16 अक्तूबर 1963 में नंगल में पिता श्री शांति सरूप और माता श्रीमती पुष्पा देवी जी के घर हुआ। इसके बाद बचपन बहुत से तूफ़ान भी ले कर आया शायद इन्हीं मुकाम तक पहुंचाया।
नीना जी बताती हैं मेरे परदादा जी और दादा जी पाकिस्तान में जैलदार थे। मेरे पिता जी और दादा जी बहुत मशहूर एथलीट भी थे । मेरे परदादा जी के नाम से भोला चक्क गांव आज भी मशहूर है। 1947 के बंटवारे के दौरान मेरे दादा जी और पिता जी भारत आ गए। पिता जी जाती करने लगे। पिता जी की शादी के कई बर्षों बाद बहुत दुआएं मांगने के बाद मेरा जन्म हुआ। मैं बहुत लाडली थी। पिता जी एक अच्छे खिलाड़ी थे तो मेरा बचपन भी खेलते हुए ही अतीत हुआ। हमारे घर में हर तरफ खुशियाँ ही खुशियाँ थीं। सभी परिवारिक सदस्य सभी के ही साथ मिलनसार थे। मैं और मेरे भाई को कभी भी कोई कमी महसूस होने ही नहीं दी गई।
जल्द ही शादी ब्याह की बात भी चलने लगीं। इसी के बाद शुरू होता है लड़की का नया जीवन। अपने अतीत में झांकते हुए नीना जी बताती हैं-मैने एम ए एम एड की पढ़ाई पूरी की तो मेरी शादी सरकारी बैंक में मैनेजर के तौर पर नौकरी करने वाले सरदार अजीत सिंह धनोता जी के साथ 1986 में हुई।
मेरे ससुराल के सभी सदस्य पढ़े लिखे और आधुनिक सोच के मालिक हैं तो इसलिए मुझे अपने शादीशुदा जीवन में कभी कोई परेशानी नहीं हुई।
पति ने मेरी सरकारी नौकरी के सपने को साकार करने में मेरा पूरा साथ दिया। हमारे दो प्यारे प्यारे बच्चे (बेटा और बेटी) हैं । बेटी ने ब्रेस्ट कैंसर में पी जी आई चंडीगड़ से पीएचडी की। उस की शादी हो चुकी है। बेटे ने B.ped, M.ped की है और इंटरनेशनल पिस्टर शूटर के रूप में कई सोन तगमे भी अपने नाम किए हैं।
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पंजाबी शायरा डा. नीना सैनी |
वह बताती हैं-मैं बहुत छोटी थी जब एक भयानक रात में अंधेरी के कारण घर की छत मेरी माँ के उपर गिर गई और उनकी मौत हो गई। हमारी सारी खुशियाँ पल भर में ही बिखर गईं। रिशतेदारों के कहने पर पापा ने दूसरी शादी की। माँ बहुत प्यार करती थी। हम दोनों भाई बहन बहुत होशियार थे। भाई की सगाई कर दी गई। विदेश जाने की तैयारी में था। पर भगवान् को कुछ और ही मंजूर था उसने भाई के मौत के संग फेरे करवा दिए। फिर माया जी की मौत, कुछ देर बाद पिता जी की मौत ने मुझे पूरी तरह से झिंझोड़ दिया। बच्चों की शादी के बाद मेरे पास समय था कि मैं अपने साथ हुए हादसों के कारणों के बारे सोच सकूँ, समझ सकूँ। इस के लिए मैंने ज्योतिष का मार्ग चुना। ऐसट्रोलोजी में Phd की। मेरी जिंदगी ने मुझे बहुत चोटिल किया था मैने खुद से प्रण किया कि मैं अपनी इस पढ़ाई से दूसरों की सेवा करूँगी और उनके जिंदगी के कष्टों को सहने के लिए उनकी मदद करूँगी।
इसी शिक्षा के क्षेत्र में भी आप ने ऐसट्रोलोजी में कौन कौन सी डिग्रियां और सम्मान प्राप्त किए हैं। उनकी संक्षिप्त सी चर्चा पर नीना जी कहती हैं रेकी ग्रैंड मास्टर, ऐसट्रोलोजी, निम्रोलोजी, टैरो कार्ड रीडर, वास्तु, फेंगशुई, क्रिस्टल गेज़र, पास्ट लाईफ रिग्रेशन, नाड़ी ऐसट्रो, मैडीटेशन में डिग्रीयां हासिल की हैं।
आनरेरी लाईफटाईम मेंबर सर्टीफिकेट, इंटरनेशनल ऐसट्रलोजी फेडरेशन आई ऐ एफ, मैंबरशिप एंड कन्टरीबिऊशन टू दा ऐसट्रो मिलेनियर क्लब, सर्टीफिकेट ऑफ एसट्रोलोजीकल अचीवमेंट, इंटरनेशनल सर्टीफाईड कंसल्टेंसी आई सी सी इत्यादि।
यहीं से शुरू होता है नीना जी की ज़िंदगी का एक नया अध्याय। एक नया रास्ता। वह साहित्य रचना की तरफ भी सक्रिय हुईं। आप एक सफल कवित्री भी बनी। कलम को हमसफ़र बनाने का पुस्तक भी लिखी।
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इस लेख की लेखिका प्रभजोत कौर |
मैं अपने दर्द को किस से कहती, सभी परिस्थियों से परेशां थे। मैं अपने मन के भाव कागज पर लिख देती थी ।कविता बन जाती मुझे पता ही नहीं चला। इसी तरह काव्य संग्रह भी बन गया। उनकी शायरी का यह सनकजलं पंजाबी में प्रकशित ही चुका है।
आप एक सरकारी स्कूल में लैक्चरार भी हो, आप 31 अक्टूबर 2021 को रिटायर्ड हुए हो, भविष्य में आपकी क्या योजनाएं हैं। आप लेखिका के रूप में आगे बढ़ेंगी या ऐसटरोलोजी के क्षेत्र में?
इस पर कुछ सोचते हुए वह बताती हैं-लिखना मेरा शौक है और ऐसट्रोलोजी मेरा पैशन है। मैं दोनों क्षेत्रों में आगे जाना चाहती हूँ। साहित्यिक और ऐसट्रोलोजी शिक्षा से सेवा करना चाहती हूँ। नौकरी के कारण बहुत से काम अधूरे रह गए हैं, मसलन विश्व यात्रा भी उनमें एक है। उसे पूरा करना चाहती हूँ। ऐसट्रोलोजी पर एक अच्छी किताब भी लिखनी है। इसमें ज्योतिष पर मेरे अनुभव भी होंगें और तजुर्बे भी। ज्योतिष पर अभी भी बहुत कुछ लिखना बाकी है। यह एक विज्ञानं है जिसे सब के सामने लेन का प्रयास करना ही होगा।
इसके साथ ही मैंने उन्हें इस पुस्तक पर बधाई दी। आप के पहले पंजाबी काव्य संग्रह' "सध्धरां दी हवेली" के लोकार्पण के लिए हार्दिक बधाई। साथ ही कहा आशा करती हूं कि भगवान् आपके हर सपने को पूरा करें।
प्रभजोत कौर मोहाली
9501654219